Tuesday, 3 October 2017

मन्त्र

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मन्त्र में छन्द, ॠषि, देवता, बीज, कीलक और शक्ति ये मुख्य रूप से छह बातें मानी जाती हैं| वैदिक मन्त्रों में छन्द, ॠषि, और देवता इन तीन बातों का ही उपयोग होता हैं| अवशिष्ट के सहित षड़ंगों का उपयोग तांत्रिक मन्त्रों में होता हैं| शावर मन्त्रों के विषय में –‘अनमिल आखर अर्थ जापू’ और शावर-मन्त्र जाल जिन सिरजा’ आदि पद्यों से स्मरण किया जाता हैं| पौराणिक मन्त्र भाव प्रधान होते हैं, ‘ नमों भगवते वासुदेवाय’ आदि| इन मन्त्रों में क्रिया की गौणता होती हैं| इष्ट रूप की भावना मन से सतत जारी रहने से ही सिद्धि होती हैं| क्रिया की मुख्यत: तांत्रिक मन्त्रों में ही अपेक्षा हैं और वैदिक मंत्रो में दोनों की|
मन्त्र के उच्चारण की रीति छन्द से, मन्त्र तत्व के आविष्कर्ता का परिचय ॠषि से, समस्त इष्ट फल के प्रदान करने बाले देवता का परिज्ञान मन्त्र एवं ग्यान-ध्यान की रीति से करना होता हैं| मन्त्र का मूल तत्व संक्षिप्त रूप बीज में होता हैं| विरोधी शक्ति जो तत्व का विनाश तथा साधक को साधना से हटाती हैं, उसके लिए कीलक का उपयोग होता हैं|
मन्त्र में चैतन्य-शक्ति का संचार शक्ति से होता हैं| मन्त्र साधक को इन रहष्यो का ध्यान रखकर, मन्त्र साधना में सलग्न होना चाहिये| इसके अतिरिक्त विशिष्ट भावों की अभिव्यक्ति के लिए अर्न्मात्रृकान्यास, बहिर्मात्रृकान्यास, षोढ़ान्यास, प्रपंचन्यास, भुवनन्यास, देवन्यास, शक्तिन्यास, श्रीकंठन्यास, आदि कहे गये हैं| अन्तर्याग बहिर्याग द्वारा देवता का पूजन, तर्पण, होम, पुनश्चरण, संस्कार आदि के द्वारा मन्त्र शीघ्र सिद्ध होता हैं| इन उपायों से मन्त्र चैतन्य होकर, देवता का साक्षात्कार करा देता हैं| बिना मन्त्र चैतन्य हुये देवता का स्वरूप ज्ञात नहीं होता| परब्रह्म परमात्मा ही देवता के रूप में अपनी ग्यान शक्ति द्वारा व्यक्त होता हैं|.....................................................हर-हर महादेव 

विशेष - किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 07408987716 ,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच . 

पूजा स्थल पर शंख रखने की परंपरा

हिन्दू धर्म में पूजा स्थल पर शंख रखने की परंपरा 
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शंख को सनातन धर्म का प्रतीक माना जाता है।धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शंख बजाने से भूत-प्रेत, अज्ञान, रोग, दुराचार, पाप, दुषित विचार और गरीबी का नाश होता है। शंख बजाने की परंपरा प्राचीन काल से चली रही है। महाभारत काल में श्रीकृष्ण द्वारा कई बार अपना पंचजन्य शंख बजाया गया था। आधुनिक विज्ञान के अनुसार शंख बजाने से हमारे फेफड़ों का व्यायाम होता है, श्वास संबंधी रोगों से लडऩे की शक्ति मिलती है। पूजा के समय शंख में भरकर रखे गए जल को सभी पर छिड़का जाता है जिससे शंख के जल में कीटाणुओं को नष्ट करने की अद्भूत शक्ति होती है। साथ ही शंख में रखा पानी पीना स्वास्थ्य और हमारी हड्डियों, दांतों के लिए बहुत लाभदायक है। शंख में कैल्शियम, फास्फोरस और गंधक के गुण होते हैं जो उसमें रखे जल में जाते हैं|…………………………………………………..हर-हर महादेव

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मूर्ती और चित्र के सम्बन्ध में नियम

:::::::::::::::मूर्ती और चित्र के सम्बन्ध में सामान्य नियम:::::::::::::::::
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आज के समय में हनुमानजी के भक्तों की संख्या काफी अधिक है, क्योंकि बजरंग बली श्रद्धालुओं की समस्याओं को बहुत ही जल्द दूर करते हैं। इसी वजह से लोग हनुमानजी की प्रतिमा या फोटो अपने घर में भी रखते हैं। हनुमानजी के साथ ही अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां या फोटो घर में हों तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।मूर्तियां चमत्कारी असर दिखाती हैं। इसी वजह से शास्त्रों में मूर्तियों और तस्वीरों के लिए महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। 

विशेष रूप से हनुमानजी की फोटो बेडरूम में नहीं रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से उनका चित्र बेडरूम में नहीं बल्कि घर के मंदिर में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रखना शुभ रहता है।अगर आप एक ही कमरे के स्थान में रहते हैं और विकल्प नहीं है साथ ही आप हनुमान की पूजा भी करना चाहते हैं तो आप उनके चित्र को किसी आलमारी या पूजा के लकड़ी आदि के मंदिर में रखें ,साम होने पर दीपक अगर बत्ती करके उस स्थान को परदे से ढक दें |

अपने घर में आप यदि कोई मूर्ती किसो देवता की रखते हैं तो कोसिस करें की वह मूर्ती अंगुष्ठ प्रमाण में हो अर्थात आपके अंगूठे की लम्बाई जितनी बड़ी हो |घर में कभी भी टूटी-फूटी तस्वीर अथवा मूर्ति नहीं रखना चाहिए। अगर कोई मूर्ति या तस्वीर टूट जाए तो उसे तुरंत घर से हटा दें। मूर्तियों का खंडित होना अपशकुन माना जाता है। पूजा करते समय भक्त का पूरा ध्यान भगवान और उनके स्वरूप की ओर ही होता है। ऐसे में मूर्ति खंडित होगी तो भक्त का ध्यान भंग हो सकता है। ध्यान भंग होने पर पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है। इसी वजह से खंडित मूर्तियां घर में नहीं रखना चाहिए।..................................................हर-हर महादेव 

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