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क्या अचानक आपको ऐसा महसूस होने लगा है जैसे आपकी दुनिया ख़त्म हो गई है! तो आप अकेले नहीं हैं — डिप्रेशन एक बहुत गंभीर और आम बीमारी है, जिससे दुनिया की लगभग 10% आबादी प्रभावित हैं।डिप्रेशन एक बहुत गंभीर बीमारी है। यदि इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाये, तो यह आपके जीवन के हर पहलु पर भारी दुष्प्रभाव डाल सकता है। ऐसा न होने दें। अपने डिप्रेशन से लड़ें, यहाँ दिए कदमो का अनुसरण करें।अगर आपको आत्महत्या करने के विचार आ रहें हो, तो तुरंत मदद लें। आपात कालीन सेवा को फ़ोन करें, या तुरंत पास के अस्पताल से सहायता लें।कोशिश यह रखनी चाहिए कि आप खुशनुमा पलों की तलाश करें और सकारात्मक सोच रखें। इससे बचने के उपायों में व्यस्त रहकर मस्त रहना, अपने लिए समय निकालना, संतुलित आहार सेवन, अपने लिए समय निकालना और सामाजिक मेलजोल बढ़ाना मूल उपाय हैं।
अवसाद की गिरफ्त में आने पर व्यक्ति इसे तुरंत नहीं समझ पाता। प्रायः वह अत्यधिक थकावट, असहायता, और अपने जीवन में नाउम्मीदी महसूस करता है। पसंदीदा काम अब कर पाना या किसी से बातचीत करना अब लगभग असंभव लगने लगता है। अवसाद को एकाएक दूर नहीं किया जा सकता, इसलिए आपको प्रसन्न रहने के लिए अपेक्षाकृत छोटी कोशिशों से शुरूआत करनी होगी, और फिर उसके बाद बड़े लक्ष्यों की दिशा में प्रयास करने होंगे |
डिप्रेशन
से बचने के उपाय
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१. जब भी आप डिप्रेशन में होते हो, तो आप को संतुलित आहार लेना चाहिए जैसे फल, सब्जी, मांस आदि खाने से मन खुश रहता है।
२. तनाव या डिप्रेशन से दूर रहने के लिए व्यायाम सबसे अच्छा माना जाता है। व्यायाम करने से सेहत तो अच्छी होती है और साथ ही शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
३. अगर आप जॉब करते हो और काम करके थक चुके हो तो ऐसे में आप को कुछ समय के लिए छुट्टियां लेनी चाहिए। ताकि आप डिप्रेशन को आसानी से दूर कर सकें।
४. यदि आप का वजन अधिक है जिसके कारण आपको अवसाद प्राप्त हो रहा है, तो आपको चाहिए की आप अपने वजन को कम करें, ऐसा करने से आपका मुड़ सामान्य हो जाएगा।
५. जो लोग आप को पसंद नहीं करते और आप को दूसरो
के सामने गिराने की कोशिश करते हैं, ऐसे लोगो से दूरी
बनाकर रखनी चाहिए। ऐसा करने से आप का मन शांत रहता है।
६. जब आप अपनी पूरी नींद लेते हैं तो
आप को सकारात्मक उर्जा की प्राप्ति होती है। इसलिए हमें रात को सात से आठ घंटे की
नींद लेनी चाहिए। इसलिए व्यस्तता के बावजूद अपनी नींद से समझौता न करें.
७. जब
भी आप का मुड़ खराब हो, तो आपको संगीत के साथ नाता जोड़ लेना चाहिए।
क्योंकि जब आप संगीत के साथ नाता जोड़ते हैं, तो आप अपना सारा
गम भूल जाते हो और आप का मुड़ ठीक हो जाता है।
८. यथासंभव पेशेवर मदद लेने की कोशिश जल्द से जल्द करें।
९. नकारात्मक सोच से बचें।
१०. सक्रिय रहने का प्रयास करें - व्यायाम करें, फिल्म देखने जाएं, कोई खेल खेलें या अन्य गतिविधि करें जिसमें आपको कभी आनंद आता था।
११. उम्मीद रखें कि आपकी मनोदशा में धीरे-धीरे सुधार होता जाएगा, और यह तुरंत नहीं सुधरेगी।
१२. बड़े कार्यों को छोटे-छोटे स्तरों में बांटकर अपने लिए सही लक्ष्य तय करें।
१३. कुछ प्राथमिकताएं तय करें और जो आप कर सकते हैं वह करें।
१४. अन्य लोगों के साथ समय बिताएं चाहे यह आपको चिड़चिड़ाहट भरा लगता हो, किसी भरोसेमंद मित्र या रिश्तेदार का सहारा लें, उनसे दिल कि बात करें और खुद को अलग-थलग ना करें।
१५. आपकी नींद और भूख में सुधार होने पर सकारात्मक रहें।
१६. शादी करना या तलाक लेना या नौकरी बदलने जैसे महत्त्वपूर्ण फैसले टाल दें।
१७. अवसाद के बारे में अधिक जानकारी लेते रहें।
१८. अवसाद से गुज़र रहे लोगों के लिए इससे उबरने के लिए नियमित तौर पर ऐसे
व्यक्ति से बात करना जिनपर वे भरोसा करते हों या अपने प्रियजनों के संपर्क में
रहना रामबाण साबित हो सकता है. आप खुलकर अपनी
समस्याएं उनसे शेयर करें और परिस्थितियों से लड़ने के लिए उनकी मदद मांगें. इसमें शर्म जैसी कोई बात नहीं है. हमारे सबसे क़रीबी
लोग यदि हमें बुरे समय से बाहर नहीं निकालेंगे तो कौन मदद करेगा?
१९. अच्छे
दोस्त आपके मूड को अच्छा बनाए रखते हैं. उनसे आपको आवश्यक
सहानुभूति भी मिलती है. वे आपकी बातों को ध्यान से सुनते हैं. डिप्रेशन के दौर में यदि कोई हमारे मनोभावों को समझे या धैर्य से सुन भी
ले तो हमें अच्छा लगता है. दोस्तों से जुड़ने के साथ-साथ आप उन लोगों से ख़ुद को दूर कर लें, जो
नकारात्मकता से भरे होते हैं.
ऐसे लोग हमेशा दूसरों का मनोबल
गिराने का काम करते हैं.
२०. अपनी पुरानी भूलों और ग़लतियों का शिकवा करना आपको पूरी तरह से अवसाद के चंगुल में फंसा सकता है. एक तो पुरानी बातें आपके नियंत्रण में नहीं होतीं. फिर उस बारे में सोच-सोचकर क्या फ़ायदा? आप बेवजह अपने दिलोदिमाग़ पर गिल्ट का बोझ बढ़ाते हैं. पुरानी बातों के बारे में सोचने के बजाय आज पर फ़ोकस करें.
२१. जब आप अवसादग्रस्त होते हैं तब ख़ुद को दुनिया से दूर कर लेना सबसे आसान
और ज़रूरी समाधान लगने लगता है. क्योंकि आपको लगता
है कि आपकी समस्या को कोई दूसरा नहीं समझ सकता. लेकिन
ख़ुद को लोगों से काटकर आप अवसाद को फलने-फूलने का मौक़ा
उपलब्ध कराते हैं. यदि आप अपने दोस्तों और क़रीबियों से अपनी
समस्या साझा नहीं कर सकते तो किसी मनोचिकित्सक से सलाह लें. इससे अवसाद की जड़ तक जाने और इसे दूर करने में मदद मिलेगी.
डिप्रेसन और
चिकित्सा
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डिप्रेसन एक
आम किन्तु गंभीर बीमारी तो है किन्तु इसका सम्बन्ध अक्सर शरीर से न होकर मन से
होता है |अतः आधुनिक रासायनिक चिकित्सा बहुत कारगर नहीं होती |एलोपैथिक दवाएं
अक्सर नींद देने वाली ,सुस्त रखने वाली अथवा भिन्न रूप में आवश्यकतानुसार शारीरिक
चंचलता बढाने वाली हो सकती है |इनका उद्देश्य अधिकतर ,अधिक न सोचने देना ,नींद में
रखना ,सुस्त रखना जिससे विचार अधिक न आयें ,घबराहट रोकना ,उद्विग्नता कम करना होता
है अथवा कभी कभी यह चंचलता और क्रियाशीलता बढाने वाली भी हो सकती हैं |इनका प्रभाव
शरीर पर होता है अतः किसी शारीरिक समस्या पर यह काम कर जाती हैं किन्तु मानसिक और
मनोवैज्ञानिक समस्या पर इनका अधिक प्रभाव नहीं होता और यह विचारों को रोक मात्र
देती हैं |आयुर्वेद में भी शारीरिक सक्रियता बढाने अथवा उपरोक्त प्रकार के ही औषधि
दिए जाते हैं |
डिप्रेसन
मूलतः मन से जुडी बीमारी है अतः यहाँ मनोवैज्ञानिक चिकित्सा ही अधिक कारगर होती है
|कुछ मामलों में ज्योतिषीय चिकित्सा और उपाय भी बेहद कारगर होते हैं जबकि मन को
सर्वाधिक प्रभावित करने वाला ग्रह चन्द्रमा किन्ही अवस्थाओं में प्रभावित कर रहा
हो |चूंकि मन पर नकारात्मक शक्तियों ,विचारों ,उर्जाओं का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है
साथ ही पूर्णिमा ,अमावश्या में अधिक सक्रिय नकारात्मक उर्जाओं का प्रभाव पड़ता है
और यह व्यक्ति को प्रभावित कर देते हैं अतः तांत्रिक उपाय भी बहुत कारगर होते हैं
|इनके विषय में हम अपने अगले अंक - "डिप्रेसन और तांत्रिक उपचार " में
विश्लेषण करेंगे तथा उससे अगले अंक में "डिप्रेसन की समग्र चिकित्सा और उपाय
"पर विचार करेंगे |डिप्रेसन पर हमारे घर में मौजूद कुछ आयुर्वेदिक मसाले भी
विशेष परिस्थितियों में कारगर होते हैं जिन्हें हम यहाँ लिख रहे हैं |
डिप्रेसन कम
करने में सहायक आयुर्वेदिक मसाले
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अकसर डिप्रेस्ड लोग खुद को कमरे में बंद कर इस बीमारी से छुटकारा पाने का हल ढूंढ़ते हैं या फिर दोस्तों के बीच समय बिताते हैं, उनसे सलाह लेते हैं ताकि वह जल्द ही इससे दूर हो सके। लेकिन अपने डाइट को थोड़ा सा चेंज कर देने से भी आप डिप्रेशन से निजात पा सकते हैं। हमारे किचन में ऐसे कुछ मसाले मौजूद हैं जिनको रोजाना खाने में उपयोग करने से आपकी यह डिप्रेशन की समस्या दूर भाग जाएगी और आपका मूड भी फ्रेश हो जाएगा। ज्यादातर लोग इस बीमारी से पीछा छुड़ाने के लिए कई महंगी-महंगी दवाईयां खाते हैं, लेकिन अब डिप्रेशन में खर्च होने वाले पैसे आपके बच जाएंगे क्योंकि दवाई का ही काम करेगी घर की रसोई में रखें मसालें।
आइए बताते हैं उन मसालों के नाम जिनको अपने डाइट में शामिल करने से आपको बहुत फायदा पहुंचेगा
दालचीनी
------------ सबसे पहले नाम आता है दालचीनी का। इसमें एक अलग सी महक होती है। यह आपके दिमाग को एक्टिव रखने का काम तो करता ही है साथ ही यह आपके मूड को भी फ्रेश करता है। यही नहीं, यह आपकी याददाश्त को भी बढ़ाने में भी बहुत लाभदायक है।
केसर
-------- क्या आप जानते हैं कि केसर को खुशी का मसाला भी कहा जाता है। अध्ययनों की मानें तो केसर के इस्तेमाल से टेंशन दूर होती है। ये मूड को लाइट करने का काम करता है।
हल्दी
------- हर दर्द की दवा कहलाने वाली हल्दी, डिप्रेशन को भी दूर भगाने का काम बखूबी करती है। पीली हल्दी के इस्तेमाल से ऐसे लोगों के मूड बहुत अच्छा हो जाता है। बता दें कि हल्दी में एंटी-इन्फ्लामेट्री और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जो आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करता है।
कस्तूरी
मेथी
---------------- यह आपके
खाने का स्वाद तो बढ़ाती ही है साथ ही डिप्रेसन को भी कम करती है । इसकी खूशबू ही काफी है आपका मूड खुशनुमा बनाने के लिए।...........[ अगला अंक -डिप्रेसन के ज्योतिषीय और तांत्रिक उपचार ].........................................हर
हर महादेव
विशेष - उपरोक्त समस्या अथवा किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 07408987716 ,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच .
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