Wednesday 15 November 2017

भाग्य कैसे बदलें अपना ? -१

कैसे बदलें अपने भाग्य को -१
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जीवन संघर्ष में ही जा रहा ,रोज की चिंता रोज है ,भविष्य उज्वल नहीं दिख रहा ,निराशा घेर रही ,सभी प्रयास असफल हो रहे ,योग्यता होने पर भी उपयुक्त स्थान नहीं मिल रहा ,उन्नति रुकी हुई है अथवा पहले से भी विषम स्थिति होती जा रही |कितने भी कोशिश किये जा रहें पर जीवन की स्थितियों -परिस्थितियों में कोई अंतर नहीं समझ में आ रहा ,,तब व्यक्ति मान लेता है की सबकुछ भाग्य द्वारा निर्धारित है |अक्सर ऐसे में सुना जाता है की समय से पहले और भाग्य से अधिक किसी को नहीं मिलता |क्यों ?? इस पर सोचने पर भी कोई उपयुक्त सुझाव समझ नहीं आता ,जबकि उसी जन्म समय ,उसी स्थान ,उसी परिस्थिति में जन्मा व्यक्ति अधिक उच्च स्थिति ,अच्छी परिस्थिति में होता है |यहाँ ज्योतिष कहता है की एक क्षण के अंतर से भाग्य बदल जाता है |पर इतना अधिक बदला जाता है की पूरा भाग्य ही अलग हो जाए  ,यह तर्क संगत नहीं लगता |भाग्यवाद को ज्योतिष भी बढावा देता है ,चूंकि ज्योतिष भाग्यवाद पर ही आधारित विद्या है और ज्योतिषियों का लाभ भाग्यवाद बढने पर ही है ,इसलिए अक्सर कहते हैं सबकुछ भाग्य द्वारा नियत है |इससे अलग कुछ हो ही नहीं सकता |इसका एक कारण और है की अक्सर खुद का भाग्य भी ऐसे लोग नहीं बदल पाते या अक्सर खुद का भाग्य भी ठीक से नहीं पढ़ पाते |ज्योतिष एक बेहद उच्च स्तरीय विद्या है और सामान्य स्थितियों में 99.9 प्रतिशत लोगों पर यह खरी उतरती है |अब पकड़ने वाले की क्षमता पर होता है की वह कितना पकड पाता है |
ज्योतिष भाग्य पर आधारित विद्या होकर भी भाग्य को बिलकुल निश्चित मानती है मैं ऐसा नहीं मानता ,क्योंकि यदि ज्योतिष पूरी तरह भाग्य को निश्चित मानता तो इसमें उपाय की अवधारणा ही न होती |ज्योतिष के पूर्व विद्वान् ऋषि जानते थे की ग्रहों के प्रभाव को भी प्रभावित करने वाले कारक ग्रहों से अलग होते हैं जो ग्रहीय प्रभावों में भी परिवर्तन ला देते हैं ,भले यह भिन्न नकारात्मक शक्तियाँ हों अथवा सकारात्मक शक्तियाँ |इन्ही के प्रभावों से भाग्य में होने वाले परिवर्तन को रोकने और भाग्य में नियत स्थिति प्राप्त करने के लिए ही उपायों की अवधारणा की गयी ,जिससे जो लिखा है वह मिल सके |यानी वह भी नहीं मिल सकता या वह अधिक हो सकता है यदि इन सकारात्मक या नकारात्मक उर्जाओं का प्रभाव पड़ जाए |अर्थात उपाय भाग्य में विचलन रोकने का जरिया हैं |जब किन्ही शक्तियों के कारण भाग्य में विचलन हो सकता है और उसे उपाय से सुधारा जा सकता है तो उपाय या शक्ति द्वारा उस भाग्य में परिवर्तन भी किया जा सकता है व्यक्ति विशेष के लिए |ज्योतिष यह भी जानता है की व्यक्ति पर उसके पूर्व जन्मों का भी प्रभाव होता है और यह उसके आज के भाग्य को प्रभावित करते हैं |इन्हें ज्योतिष संचित कर्म कहता है |वास्तव में यह उसके अवचेतन मन में संचित ज्ञान होता है जो कम या अधिक पराभव डालने पर स्थितियों ,आज के ज्ञान और मानसिक क्षमता को प्रभावित करता है |समान जन्म समय पर भी भाग्य अलग होने का कारण भी यह अवचेतन और संचित ज्ञान होता है जो अपने क्षमतानुसार उपयुक्त पात्र और परिश्थिति तलाश वहां जन्म दिला देता है आत्मा को |भाग्य अथवा जन्म का लेखा जोखा हमारा विषय नहीं अपितु परिस्थितियां कुछ भी हों उनमे कैसे परिवर्तन किया जा सकता है ,यह हमारा विषय है |
हम एक तंत्र साधक हैं और ज्योतिष में भी हमारी रूचि बचपन से रही है |हमने ज्योतिष भी काफी पढ़ी और समझी है ,जबकि लगभग ३० वर्षों से तंत्र साधना से भी जुड़े रहे हैं |हमने बहुत कुछ देखा ,समझा और पाया है |अनेक प्रयोग भी किये हैं और ईश्वरीय शक्तियों ,अवचेतन के प्रभाव ,मनोबल ,आत्मविश्वास के प्रभाव पर गहन विश्लेष्ण किये हैं |खुद अपने उपर भी इनके प्रभावों को देखा है और अनेकों को बहुत से प्रयोग उपाय ,प्रयोग करवाए भी हैं |हमने पाया है की व्यक्ति यदि वास्तव में चाह ले की उसे अपना भाग्य बदलना ही है तो यह असंभव नहीं है |भाग्य में छोटे परिवर्तन तो मात्र मनोबल और अवचेतन की सक्रियता से ही होने लगते हैं और बड़े परिवर्तन तब होने लगते हैं जब इनमे कुछ ईष्ट की शक्ति भी जुड़ जाए ,कुछ ईश्वरीय ऊर्जा इसमें सम्मिलित कर दी जाए |हमने अपने blog -tantramarg.wordpress.com और aagamtantra.blogspot.com पर अपने पहले के लेख "" कैसे बदलता है व्यक्ति का भाग्य "" में यह लिखने का प्रयास किया है की कैसे किसी व्यक्ति के भाग्य में परिवर्तन संभव है ,चाहे गृह कुछ भी कहते हों ,परिस्थितियां कुछ भी हों |इस लेख में तकनीक नहीं ,अपितु यह देखने का प्रयत्न है की कैसे आपका भाग्य बदल सकता है |तकनीक हम इस लेख में जानने का प्रयत्न करते हैं और देखते हैं की कैसे हम अपने भाग्य को बदलें |
भाग्य बदलना असंभव नहीं और भाग्य बदला जा सकता है |दुनिया चाहे कुछ भी कहे |भाग्यवादी कुछ भी कहें |जो कहते हैं की भाग्य निश्चित है वह वास्तव में पलायन वादी हैं |वह लड़ना नहीं चाहते या संघर्ष करना नहीं चाहते या थक चुके हैं या निराश हो चुके हैं ,प्रयास कर -कर के |उनका प्रयास सही तरीके से नहीं था या उन्होंने भाग्य में परिवर्तन के लिए नहीं अपितु परिस्थितियों के लिए संघर्ष किया |भाग्य में बदलाव के लिए एक निश्चित विशेष प्रक्रिया पर चलना होता है |भाग्य अर्थात ग्रहों के प्रभाव में परिवर्तन के लिए सामान्य उपायों से काम नहीं चलता |जब गंभीर प्रयास होते हैं तब भाग्य बदलता है | परिवर्तन तो कुछ ही दिनों में महसूस किया जा सकता है |पर बड़े बदलाव समय लेते हैं और इन्हें गंभीर प्रयासों से ही अस्तित्व में लाया जा सकता है |भाग्य में परिवर्तन या बदलाव कुंडलिनी जागरण से होता है ,भाग्य में परिवर्तन किसी अलौकिक शक्ति के अनुकूल हो जाने पर होता है ,भाग्य में बदलाव अवचेतन की सक्रियता बढने पर होता है ,भाग्य में परिवर्तन अवचेतन की ग्रंथियों और कमियों को निकालने से होता है ,भाग्य में बदलाव आभामंडल में परिवर्तन से होता है ,भाग्य में बदलाव अपनी सोच को बदल देने से होता है ,,,किन्तु बड़े बदलाव के लिए इन सबको सम्मिलित करना होता है तब जाकर वास्तविक भाग्य बदलता है |हम इन सबको क्रमशः एक एक करके विश्लेषित करते हैं और बताते हैं की कैसे और क्या करने से क्या होगा और कैसे भाग्य बदलेगा |

विषय वस्तु बेहद गंभीर है और इसका सम्बन्ध पूरे जीवन को प्रभावित करने से है |अपनी समझ और सोच के अनुसार इसकी पूरी तकनीक और जानकारी लिखनी है की कैसे भाग्य को हम बदलें या कैसे भाग्य को बदल सकते हैं |इसलिए विस्तृत विवरण देना आवश्यक है ताकि लोग ठीक से समझ सकें |एक ही लेख में पूरा लिख पाना सम्भव नहीं अतः विस्तृत जानकारी अगले लेख में ...........................................................हर -हर महादेव 

विशेष -  किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 07408987716 ,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच . 

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