Sunday 13 August 2017

आत्माओं की रहस्यमय दुनियां

आत्माओं का रहस्यमय संसार
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ब्रम्हांड में लाखों आत्माओं का अस्तित्व विद्यमान है। जो वायुमंडल में स्वतंत्र रूप सेंविचरण करते हैं। जिनमंे कई प्रकार के आत्माएं होती है। जैसे राजामहाराजावैज्ञानिकविशेषज्ञविद्वानचोरडाकूबदमाशसामान्य मनुष्य तथा उच्चकोटि के मनुष्य आदिजिनमें मुख्यतः दो प्रकार की आत्माएं होती है। – दिव्यात्मा तथा दुष्टात्मा।
दिव्य आत्मा 
—————ये आत्माएं कभी कभी किसी मनुष्य की जिंदगी से प्रभावित हो जाते है औरउसको सहयोग भी करते है। खासकर उस व्यक्ति के जिंदगी से प्रभावित होते हैंजिनकीजिंदगी उसी आत्मा के जिंदगी से मिलतीजुलती हैजैसे उस आत्मा ने अपनी पूर्व जिंदगीमें बहुत कष्ट झेले हों और दुःखों का सामना किया हो तो वह आत्मा किसी व्यक्ति केजिंदगी के कष्टों एवं दुःखों को देख नहीं सकताक्योंकि वह अपने जिंदगी में दुखकष्टकठिनाईयों और परेशानियों से भलीभांति परिचित रहा है। अतः वह किसी ऐसे व्यक्ति कीसहायता अवश्य करता हैजो इस प्रकार की समस्याओं से ग्रस्त रहता है। ऐसी आत्माजिनकी जिंदगी से प्रभावित हो जाते हैंउनकी जिंदगी खुशियों से भर जाती है और जीवन मेंकिसी प्रकार का अभाव नहीं रहता। पगपग पर सफलताएं कदम चूमने लगती है। गांवतथा शहरों में ऐसे सैकडों उदारण देखने को मिल जाते हैंजैसे अनायास ही गड़े धन का पतालग जानाचांदी के सिक्कों से भरा घड़ा मिल जानाइच्छा करते ही उसकी पूर्ति हो जानाएक्सीडेंट या दुर्घटना का पूर्वाभास होना यह सब दिव्यात्माओं के प्रसन्न होने के कारणअनायास ही होने लगता है।
दुष्टात्मा – 
————- ये आत्माएं बहुत ही दुष्ट होती है। इन्हें हमेशा किसी  किसी को सताते रहने मेंबहुत आनंद आता है। ये आत्माएं कभी किसी का भला नहीं करती। ये आत्माएं जिनके पीछेपड़ जाती हैउसकी जिंदगी बर्बाद कर देती है। उनके परिवार में कभी सुखशांति नहींरहती। कदमकदम पर हानि पहुंचाते है। उनके साथ कब कौन सी घटना घट जाये कुछकहा नहीं जा सकता। जिस व्यक्ति पर ऐसी आत्माओं का प्रकोप हो जाता हैवह व्यक्तिपागल भी हो जाता है। दुष्ट आत्मायें किसी भी दृष्टि से हितकर नहीं हंै। 
आत्माओं का रहस्य ===============शरीर से निकलने के बाद सैकड़ांे वर्ष तक आत्मायें वायुमंडल में विचरण करती रहती हैंक्योंकि वह पुनः गर्भ में जाने के इच्छुक नहीं होती या किसी ऐसे गर्भ में जन्म लेने कोउत्सुक होते हैं जो उनका मनोवांछित हो। उदाहरण के लिए अधिकांश आत्मायें तो जन्म हीनहीं लेना चाहती क्योंकि उन्होंने गर्भ में या गर्भ के बाहर जो कुछ भोगा है वह ज्यादासुखकर नहीं होता है। अगर वे जन्म भी लेना चाहें तो किसी ऐसे गर्भ की खोज में रहतें है जोसभी दृष्टियों से सुखी एवं सम्पन्न होंतथा उन्हें खुलकर कार्य करने का मौका मिलेपरऐसा संयोग से ही प्राप्त हो पाता है। क्या मनोवांछित आत्माओं से बातचीत किया जा सकता है ?आत्मायें कैसे आकर्षित होती है ?मनुष्य का शरीर जलवायुअग्निपृथ्वी और आकाश इन पांच तत्वों से निर्मित होता है।मृत्यु के पश्चात् जब मनुष्य स्थूल शरीर को छोड़कर सूक्ष्म शरीर धारण करता है तो इसमेमात्र दो तत्व शेष रह जातें है – वायु और आकाश तत्वपृथ्वी तत्व समाप्त हो जाने केकारण पृथ्वी की गुरूत्वाकर्षण शक्ति का आत्माओं पर कोई असर नहीं होता। फलस्वरूपस्थूल शरीर के अलावा सूक्ष्म शरीर की शक्ति हजारों गुणा अधिक हो जाती है और विचारों के माध्यम से ही वे पूरे ब्रह्मांड में विचरण करने में समर्थ हो जाते हैं। आत्माओं की गति वायु से भी अधिक तेज होती है एक मिनट में वे पूरे ब्रह्मांड में विचरण कर सकते हैं।……………………………………………………………………..हरहर महादेव

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