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यहां कुछ प्रमुख शाबर मंत्रों का विवरणप्रस्तुत है। ये मंत्र सहज और सरल हैं,जिनके जप अनुष्ठान से उक्त बाधाओंतथा जादू–टोनों के प्रभाव से बचाव होसकता है।
१. निम्नलिखित मंत्र को सिद्ध करने के लिए उसका २१ दिनों तक एक माला जप नियमितरूप से करें। हनुमान मंदिर में अगरबत्ती जलाएं। २१ वें दिन मंदिर में एक नारियल औरलाल वस्त्र की ध्वजा चढ़ाएं। यह मंत्र भूत, प्रेत, डाकिनी, शाकिनी नजर दोष, जादू–टोनेआदि से बचाव एवं शरीर की रक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी है।
मंत्र : ॐ हनुमान पहलवान, बरस–बारह का जवान, हाथ में लड्डू, मुंह में पान। खेल–खेलकर लंका के चौगान। अंजनी का पूत, राम का दूत। छिण में कीलौं, नौ खंड का भूत। जाग–जाग हनुमान हुङ्काला, ताती लोहा लङ्काला। शीश जटा डग डेंरू उमर गाजे, वृज की कोटडीवृज का ताला। आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चम्पे न सीव। अजरा, झरे, भरमा भरे।ईंघट पिंड की रक्षा, राजा रामचंद्र जी, लक्ष्मण, कुंवर हनुमान करें।
मंत्र : ॐ हनुमान पहलवान, बरस–बारह का जवान, हाथ में लड्डू, मुंह में पान। खेल–खेलकर लंका के चौगान। अंजनी का पूत, राम का दूत। छिण में कीलौं, नौ खंड का भूत। जाग–जाग हनुमान हुङ्काला, ताती लोहा लङ्काला। शीश जटा डग डेंरू उमर गाजे, वृज की कोटडीवृज का ताला। आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चम्पे न सीव। अजरा, झरे, भरमा भरे।ईंघट पिंड की रक्षा, राजा रामचंद्र जी, लक्ष्मण, कुंवर हनुमान करें।
२. किसी बुरी आत्मा के प्रभाव अथवा किसी ग्रह के अशुभ प्रभाव के फलस्वरूप संतान सुखमें बाधा से मुक्ति हेतु श्री बटुक का उतारा करना चाहिए,,यह क्रिया निम्नलिखित विधि से रविवार, सोमवार, मंगलवार तीन दिन लगातार करें।विधि : उतारे के स्थान पर एक पात्र में सरसों के तेल में बने उड़द के ११ बड़े, उड़द की दालभरी ११ कचौड़ियां, ७ प्रकार की मिठाइयां, लाल फूल, सिंदूर, ४ बत्तियों का दीपक, 1 नींबूऔर 1 कुल्हड जल रखें। सिंदूर को चार बत्तियों वाले दीपक के तेल में डालें। फिर फूल,कचौड़ी, बड़े, मिठाइयां सभी सामग्री एक पत्तल पर रखें तथा मन ही मन यह कहें कि ”यहभोग हम श्री बटुक भैरव जी को दे रहे हैं, वे अपने भूत– प्रेतादिकों को खिला दें और संकटग्रस्त व्यक्ति के ऊपर जो बुरी आत्मा या ग्रहों की कुदृष्टि है, उसका शमन कर दें।” समस्तसामग्री को पीड़ित व्यक्ति के सिर के ऊपर ७ बार उतारा करके किसी चौराहे पर रखवा दें।सामग्री रखवाकर लौट आएं। ध्यान रहे, लौटते समय पीछे न देखें। उतारा परिवार के सदस्यकरें। यह क्रिया यदि अपने लिए करनी हो, तो स्वयं करें।
३. कृत्या निवारण के लिए एक नींबू को चार टुकड़ों में चीरें। चारों टुकड़ों पर ४–४ बारनिम्नलिखित मंत्र पढ़कर उन्हें चारों कोनों में फेंक दें।मंत्र : आई की, माई की, आकाश की, परेवा पाताल की। परेवा तेरे पग कुनकुन। सेवा समसेरजादू गीर समसेर की भेजी। ताके पद को बढ़ कर, कुरु–कुरु स्वाहा।
४. राई, लाल चंदन, राल, जटामंसी, कपूर, खांड, गुग्गुल और सफेद चंदन का चूराक्रमानुसार दो गुना लें और सबको मिलाकर अच्छी तरह कूट लें। फिर उस मिश्रण में इतनागोघृत मिलाएं कि पूरी सामग्री अच्छी तरह मिश्रित हो जाए। इस सामग्री से प्रेत बाधा सेग्रस्त घर में धूनी दें, प्रेत बाधा, क्लेशादि दूर होंगे और परिवार में शांति और सुख कावातावरण उत्पन्न होगा। व्यापार स्थल पर यह सामग्री धूनी के रूप में प्रयोग करें, व्यापारमें उन्नति होगी।
५. भूत छुड़ाने का मंत्र : भूत छुड़ाने के भी अनेकानेक शाबर मंत्र हैं, जिनमें एक इस प्रकारहै।तेल नीर, तेल पसार चौरासी सहस्र डाकिनीर छेल, एते लरेभार मुइ तेल पडियादेय अमुकार(नाम) अंगे अमुकार (नाम) भार आडदन शूले यक्ष्या–यक्षिणी, दैत्या–दैत्यानी, भूता–भूतिनी, दानव–दानिवी, नीशा चौरा शुचि–मुखा गारुड तलनम वार भाषइ, लाडि भोजाइआमि पिशाचि अमुकार (नाम) अंगेया, काल जटार माथा खा ह्रीं फट स्वाहा। सिद्धि गुरुरचरण राडिर कालिकार आज्ञा।विधि : ऊपर वर्णित मंत्र को पहले किसी सिद्ध मुहूर्त में १०,००० बार जप कर सिद्ध कर लें।फिर सरसों तेल को २१ बार अभिमंत्रित कर भूत बाधाग्रस्त व्यक्ति पर छिड़कें, तो भूत उतरजाता है।………………………………………………हर-हर महादेव
विशेष - किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 07408987716 ,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच .
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