Monday 7 August 2017

रोग नहीं पर अस्वस्थ हैं



अस्वस्थ हैं पर बीमारी नहीं      
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आप खुद को अस्वस्थ महसूस कर रहे ,शरीर कमजोर हो रहा या अंग विशेष काम नहीं कर रहा या उसमे कष्ट है |लक्षण बीमारी के हैं पर जांच में कोई बीमारी नहीं पकड में आ रही |आप मेडिकली फिट हैं फिर भी रोगी हैं |आप वर्षों तक बीमार चल रहे ,स्वास्थ्य गिरता जा रहा ,परेशानियां बढती जा रही पर आधुनिक विज्ञान कुछ पकड नहीं पा रहा |कोई दवा काम नहीं कर रही , समझ आता है कि हुआ क्या है ।डाक्टर कोई दिक्कत नहीं पाता और आप अस्वस्थ भी होते हैं ।धीरे धीरे आप या सम्बंधित व्यक्ति घर -परिवार ,समाज से कटता जाता है ,चिड़चिड़ा हो जाता है ,कमजोर होता जाता है ,दिनचर्या अव्यवस्थित हो जाती है , नींद ठीक से आती है भूख ठीक से लगती है ।बुरे ख्याल ,बुरे सपने आते हैं ,हीन भावना ,निराशा घेरे रहती है और अंततः सचमुच रोगों का आक्रमण होने लगता है क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है
ऐसी स्थिति का समाधान विज्ञान के पास नहीं होता ,क्योकि भौतिक प्रमाणों पर आधुनिक विज्ञान आधारित होता है और यहाँ भौतिक प्रमाण मिलते नहीं ।यह समस्या नकारात्मक ऊर्जाओं से उतपन्न होती है ।यह नकारात्मक ऊर्जा ग्रह दोष से उतपन्न हुई हो सकती है ।पित्र दोष से उतपन्न हुई हो सकती है ।वास्तु दोष ,सीलन आदि से उतपन्न हुई हो सकती है ।पर्याप्त प्रकाश ,धुप मिलने से हुई हो सकती है ।देवी देवताओं की पूजा में हुई गलतियों से हो सकती है ।कुलदेवी देवता की रुष्टता से उतपन्न हुई हो सकती है ।किसी द्वारा टोना टोटका करने से हुई हो सकती है ।अपने या अपने लोगों द्वारा बेहतरी के लिए किये गए कई उपाय ,कई टोटकों के व्यतिक्रम उतपन्न होने से हुई हो सकती है ।रास्ते में या अँधेरे अथवा दोपहरी में अकेले आते जाते किसी शक्ति से प्रभावित हो जाने से हुई हो सकती है ।कभी किसी शक्ति की खानदान में पूजा होती रही हो और उसे वर्तमान में बन्द कर दिया गया हो ।किसी जमीन में कुछ दबा हो सकता है जिस पर आज का मकान बना हो सकता है ।ये कुछ कारण ऐसी समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं
उपरोक्त कारण जरूरी नहीं की घर के सभी सदस्यों को प्रभावित करें ।किसी की ग्रह दशा कमजोर चल रही उसे पकड़ प्रभावित करना शुरू कर दिया ।कोई कमजोर दिल का है उसे प्रभावित जल्दी कर देते हैं ।किसी का ब्लड पतला हो उस पर प्रभाव जल्दी पड़ता है ।कोई भावुक एकांत प्रिय अधिक हो उसे जल्दी प्रभावित करते है ।कोई किसी परेशानी में चिंतित हो और आत्मबल कमजोर हो उसे प्रभावित करना शुरू कर सकते हैं ।किसी को लक्ष्य कर कोई शक्ति या अभिचार भेज दिया जाए ,कर दिया जाए तो ऐसा हो सकता है ।ऐसे अनेक कारण होते हैं कि घर का कोई एक ही व्यक्ति ऐसी समस्या से ग्रस्त हो सकता है ।कभी कभी परिवार के कई लोग एक ही तरह की समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं ।कभी कभी रिश्तेदारी या खानदान में कई पीढ़ियों में एक सी समस्या दिख सकती है
इस स्थिति में समस्या अथवा बीमारी की गंभीरता उसको उत्पन्न कर रहे कारक पर निर्भर करती है |वास्तुदोष ,कुलदेवता दोष ,पित्र दोष आदि की स्थिति में समस्या धीरे धीरे उत्पन्न होती है और जल्दी पकड में नहीं आती ,क्योकि तत्काल बड़े परिवर्तन न होकर क्रमशः समस्या बढती है ,जबकि अभिचार ,किये कराये ,टोना -टोटका ,देव पूजा में हुई गलती ,पूर्व में किसी शक्ति की पूजा हो रही हो और बंद कर दिया जाए ,जमीन -मकान के नीचे दबी ऊर्जा ,दो पापी ग्रहों के एक साथ दशा -अन्तर्दशा आ जाने पर और अचानक किसी शक्ति के प्रभावित कर देने पर समस्या शीघ्र उत्पन्न होती भी है और अचानक विकराल रूप भी ले लेती है |इन्हें भी तत्काल चिकित्सकीय रूप से नहीं पकड़ा जा सकता किन्तु जब यह रोग उत्पन्न कर उसे गंभीर कर देते हैं तब रोग पकड में आता है किन्तु कारण और कारक का एक साथ उपाय न होने से समस्या घातक हो जाती है क्योकि व्यक्ति कारण और समस्या में ही उलझ जाता है और सोचता है यह ठीक हो जाए |कारक समस्या उत्पन्न करता ही रहता है और समस्या घटने का नाम नहीं लेती |
ऐसी समस्याओं को सरसरी तौर पर नहीं देखना चाहिए ।जब तक मूल कारक नहीं मिलता समस्या समाधान नहीं हो सकता ।यहाँ समस्या पर ही काम करना उसे तात्कालिक रूप से तो रोक सकता है किन्तु समाप्त नहीं कर सकता |इसके लिए किसी उच्च जानकार की मदद लेनी चाहिए ।सबसे पहले विद्वान् ज्योतिषी की मदद लेनी चाहिए और उसके बाद उच्च स्तर के साधक की शरण जाना चाहिए |ग्रहीय और नकारात्मक प्रभावों दोनों का विश्लेष्ण जरुर करना चाहिए |यह व्यक्ति के प्रति लगने वाले चिकित्सकीय खर्च से बहुत कम होता है ,जबकि यह जान तक बचा सकता है |यहाँ वहां के टोटके उपाय नहीं आजमाने चाहिए लगातार उपाय बदलना चाहिए ।मूल कारण पता करके बताए उपाय लगातार करने चाहिए
उपायों के अतिरिक्त कुछ क्रियाएं ,सावधानियां व्यक्ति के स्वस्थ होने में मदद करती हैं ,इन्हें करना चाहिए ।जैसे व्यक्ति को पर्याप्त प्रकाश ,धुप आदि मिलना चाहिए ,घर में सीलन ,अँधेरा आदि नहीं रखना चाहिए ।व्यक्ति के मनोबल को बढ़ाना चाहिए ,उसे हमेशा आशावादी रखना चाहिए ।एकांत से ,अकेलेपन से बचाना चाहिए ।उसके प्रति व्यवहार सौहार्द्र पूर्ण रखना चाहिए ।उसे घूमने फिरने ,खेलने कूदने ,लोगों से मिलने जुलने को कहना चाहिए ।उसे व्यस्त रखना चाहिए ।उग्र और पराक्रमी देवी देवताओं की पूजा करवानी चाहिए ।प्रेरक कथाएं ,जोश पूर्ण कहानियां पढ़ने को प्रेरित करनी चाहिए ।इसके साथ योग्य ज्ञानी के बताए उपाय बिना तोड़ मरोड़ किये गम्भीरता से करने चाहिए .................................हर हर महादेव

विशेष - किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 07408987716 ,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच . 


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