Sunday 13 August 2017

आप किसी बाधा ,किये कराये से पीड़ित तो नहीं ?

कष्टकारक शक्तियों से प्रभावित तो नहीं हैं आप 
===============================
प्रकृति में सकारात्मक ऊर्जा या शक्ति हमारे लिए लाभदायक और नकारात्मक उर्जा याशक्तिया नुक्सान करने वाली या परेशानी उत्पन्न करने वाली होती है ,,,यह समस्त प्रकृतिदो प्रकार की शक्तियों या उर्जाओं से बनता है ,धनात्मक और रिनात्मक ,सूर्य और अपनीऊर्जा से प्रकाशित ग्रह नक्षत्रों से उत्पन्न होने वाली या प्राप्त होने वाली ऊर्जा धनात्मकमानी जाती है ,जबकि पृथ्वी और ग्रहों से उत्पन्न ऊर्जा या शक्ति प्रकृति के परिप्रेक्ष्य मेंऋणात्मक होती है ,,यह दोनों ही उर्जाये हमारे लिए सकारात्मक ही होती हैं ,इन दोनों केसंतुलन और प्राप्ति से ही समस्त प्राणी और जीव वनस्पतियों की उत्पत्ति और स्थितिहोती है ,,,इन प्राकृतिक शक्तियों के अतिरिक्त दो अन्य पारलौकिक शक्तिया व्यक्तियों कोप्रभावित करती है ,सकारात्मक और नकारात्मक ,,सकारात्मक वह है जिनकी शक्ति आपकेलिए लाभदायक है जैसे आपके ईष्ट ,आपके कुल देवता ,महाविद्यायें,देवीदेवता आदि औरनकारात्मक वह है जो आपके लिए समस्या ही उत्पन्न करते है जैसे भूतप्रेतपिशाचब्रह्मराक्षसजिन्नशाकिनीडाकिनी आदि ,
आज के समय में नकारात्मक ऊर्जा शक्तियों का प्रभाव सामान्यतया घरों परिवारों पर बहुतदिखने लगा है ,जबकि उन्हें पता ही नहीं होता की वे इनसे प्रभावित है ,उनके द्वारा बतायेजाने वालो लक्षणों से प्रथम दृष्टया अकसर इनकी समस्या घरों में मिलती है ,इनके कारणवास्तु दोष ,घरों में सूर्य के प्रकाश की कमी ,गलत जगह गलत हिस्सों का बना होना ,पित्रदोष ,कुल देवता का दोष ,ईष्ट प्रबलता की कमी ,रहनसहन की स्थिति ,विजातीयता,धार्मिक श्रद्धा की कमी ,खुद की गलतियाँ ,प्रतिद्वंदिता ,अभिचार आदि हो सकते हैं ,
यदि घर से बाहर से घर पहुचने पर सर भारी हो जाए ,घर में अशांति का वातावरण हो ,कलहहोता हो,पतिपत्नी में अनावश्यक अत्यधिक कलह हो ,पूजापाठ में मन  लगे ,पूजा पाठसे सदैव मन भागे ,पूजा पाठ करते समय सर भारी हो,लगे कोई आसपास है ,जम्हाई अधिकआये ,पूजा पाठ करने से दुर्घटनाएं या परेशानियां बढ़ जाएँ ,पूजा पाठ आदि धार्मिक क्रियाओंमें अवरोध उत्पन्न हो ,बीमारियाँ अधिक होती हों ,आयव्यय का संतुलन बिगड़ा हो,आकस्मिक दुर्घटनाएं अधिक होती हों ,रोग हो किन्तु कारण पता  चले ,सदस्यों मेंमतभेद रहते हों ,मन हमेशा अशांत रहता हो ,खुशहाली  दिखे ,प्रगति रुकी लगे अथवाअवनति होने लगे ,संताने विरुद्ध जाने लगें ,संतान बिगड़ने लगे ,उनके भविष्य असुरक्षितहोने लगे ,संतान हीनता की स्थिति हो ,अधिक त्वचा रोग आदि हों ,अपने ही घर में भय लगे,लगे कोई और है आसपास ,अपशकुन हो ,अनावश्यक आग आदि लगे ,मांगलिक कार्यों मेंअवरोध उत्पन्न हो तो समझना चाहिए की घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हैइस स्थितिमें इनका पता लगाने का प्रयास करके इन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए |जब आपके कुल देवता /देवी को ठीक से पूजा  मिले तो वे नाराज हो सकते हैं अथवानिर्लिप्त हो सकते हैं ,कमजोर भी हो सकते हैं ,ऐसे में नकारात्मक ऊर्जा को रोकने वालीमुख्य शक्ति हट जाती है और वह परिवार पर प्रभावी हो सकती है,कभी कभी कुलदेवता कीनाराजगी या निर्लिप्तता से या नकारात्मक ऊर्जा अधिक प्रबल होने से वह कुलदेवता याईष्ट को दी जाने वाली पूजा खुद लेने लगती है जिससे उसकी शक्ति बढने लगती है औरकुलदेवता/देवी कमजोर या रुष्ट होते जाते हैं और ईष्ट को भी पूजा नहीं मिलती है ,आपकेईष्ट कमजोर हों या कोई ईष्ट ही  हों या आप पूजा पाठ ठीक से  करते हों तो भीनकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घर में हो सकता है ,,किसी से दुश्मनी हो तो वह भीआभिचारिक क्रिया करके किसी नकारात्मक ऊर्जा को आप पर भेज सकता है ,,आपके घर मेंपित्र दोष है तो पितरों के साथ अन्य शक्तियां भी जुड़ जाती हैं जिन्हें आपके परिवार से कोईलगाव नहीं होता है ,पित्र भले नुक्सान कभी कभी  करें किन्तु साथ जुडी शक्तिया अवश्य अपनी अतृप्त इच्छाएं आपके परिवार या आप से पूर्ण करने का प्रयास करती हैं |ऐसी स्थिति में प्रत्यक्ष तो लगता है की ४ लोग घर में हैं किन्तु खर्च १० लोगों के बराबर होता है और कोई न कोई समस्या उत्पन्न होती ही रहती है |कभी कभी कोई नकारात्मक शक्ति किसी पर आधिपत्य करके अपने को देवी या देवता बताती है ,और पूजा प्राप्त करने लगती है जिससे उसकी शक्ति तो बढती ही है, उसके निकाले जाने की भी संभावना कम हो जाती है |घर में अन्धेरा हो तो भी नकारात्मक शक्तिया घर में स्थान बना लेती हैं क्योकि ऐसी जगहों पर उन्हें अच्छा लगता है रहना ,,फलतः वे वहां रहने वालों के लिए समस्या उत्पन्न करते हैं |कभी कभी कोई नकारात्मक ऊर्जा आशक्तिवश भी किसी के पीछे लग जाती है और उससे अपनी अतृप्त वासनाएं पूर्ण करने का प्रयास करती है |कभी कभी किसी जमीन में नकारात्मक उर्जाओं का स्रोत होता है ,और उस पर मकान बना लेने पर वह वहां रहने वालों को परेशान करती है |कभी कभी बहुत अधिक दुर्घटनाएं अथवा हत्याएं भी किसी घर को इनका डेरा बना देते हैं ,
यदि व्यक्ति को लगे की उसके घर में या उस पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है तो उसेकिसी योग्य जानकार व्यक्ति ,सिद्ध व्यक्ति या उच्च स्तर के तांत्रिक से मिलना चाहिए,,इनसे मुक्ति का उपाय करना चाहिए ,पित्र दोष ,कुल देवत/देवी दोष ,ईष्ट दोष ,गृह दोष काउपचार करना चाहिए ……………………………………………………….हरहर महादेव

विशेष - किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 07408987716 ,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच . 

No comments:

Post a Comment