Wednesday 4 October 2017

पंचान्गुली साधना

:::::::::::::::::::::पंचान्गुली साधना :::::::::::::::::::.
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.............................................................भविष्य ज्ञान के लिए यह एक सात्विक साधना है ,यद्यपि इसके वाममार्गी रूप भी है ,,यहाँ यह ज्ञातव्य है भविष्य ज्ञान हेतु कर्णपिशाचिनी साधना और इस साधना में उद्देश्य ही सामान है ,शक्तिया समान नहीं है ,यह सिद्धि प्राप्त हो जाने पर साधक किसी के भी चेहरे को देख भूत -भविष्य बताने में सम्पूर्णता ,सफलता हासिल कर लेता है ,,,पंचान्गुली साधना कई प्रकार से कई मंत्रो से होती है ,यहाँ हम एकक मंत्र और एक विधि का प्रयोग कर रहे है .............................

....................................पंचान्गुली साधना किसी भी शुभ तिथि से प्रारम्भ हो सकती है ,,साधक को नित्यादी कर्म ,प्राणायाम ,पवित्रीकरण ,शान्ति पाठ ,संकल्प ,कलश स्थापन आदि कर पंचान्गुली यन्त्र की स्थापना करनी चाहिए ,और षोडशोपचार पूजन ,प्राण प्रतिष्ठा आदि कर्म करने चाहिए [इन सबके लिए योग्य व्यक्ति की मदद ली जा सकती है ]पूजन के बाद एक पान के पत्ते पर कपूर ,कपूर पर बताशा और दो लौंग रखकर आग लगाकर भगवती को समर्पित करना चाहिए ,,,पूजनोपरांत मंत्र का [चित्रानुसार ]जप करना चाहिए ,यह साधना १०८ दिन की होती है ,और प्रतिदिन मंत्र की एक माला होनी चाहिए ,मंत्र जप तभी करे जब आप अधिकतम एकाग्र हो सके और वातावरण भी शांत हो ,रात्री में जप किया जा सेएकता है अथवा सूर्योदय पूर्व,, ,बेहतर ब्रह्म मुहूर्त ही होता है ,जप के लिए स्फटिक की माला का उपयोग करे ,आसान ,वस्त्र पीले और जप -पूजन में मुख पूर्व की और हो ,....................................................................हर-हर महादेव  

विशेष - किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 07408987716 ,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच . 

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